ssc gd muhavare in hindi मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ मुहावरे in hindi | muhavare in hindi | मुहावरे इन हिंदी लिस्ट | मुहावरे इन हिंदी लिस्ट पीडीऍफ़ | ssc gd 2021 muhavare in hindi 

1/ अढ़ाई दिन की बादशाहत-थोड़े दिन की शान-शौकत
2/ अंकुश न मानना-न डरना
3/ अर्श से फर्श तक-आकाश से भूमि पर
4/ अन्धे के आगे रोना-व्यर्थ प्रयत्न करना
5/ अल्लाह मियाँ की गाय-सरल प्रकृति वाला
6/ अंतड़ियों में बल पड़ना-संकट में पड़ना
7/ अड्डे पर चहकना-अपने घर पर रौब दिखाना
8/ अधर में लटकना या झूलना-दुविधा में पड़ा रह जाना
9/ अस्ति-नास्ति में पड़ना-दुविधा में पड़ना
10/ अपनी खिचड़ी अलग पकाना-अलग-थलग रहना
11/ आग पर तेल छिड़कना-और भड़काना
12/ आधा तीतर आधा बटेर-अधूरा ज्ञान
13/ आँखों से गिरना-आदर भाव घट जाना
14/ आँखों का पानी ढलना-निर्लज्ज होना
15/ आँख का उजाला-अति प्रिय व्यक्ति
16/ आँखों पर परदा पड़ना-लोभ के कारण सच्चाई न दिखना
17/ आँख में घर करना-दिल में बसना
18/ आँखें फाड़कर देखना-आश्चर्य से देखना
19/ आँचल में बाँधना-अत्यधिक ध्यान रखना
20/ आकाश कुसुम होना-दुर्लभ होना


ssc gd muhavare in hindi मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ मुहावरे in hindi | muhavare in hindi | मुहावरे इन हिंदी लिस्ट | मुहावरे इन हिंदी लिस्ट पीडीऍफ़ | ssc gd 2021 muhavare in hindi 
21/ आकाश से बातें करना-बहुत ऊँचा होना
22/ आसमान से तारे तोडना-असम्भव काम करना
23/ आगे का पैर पीछे पड़ना-विपरीत गति या दशा में चलना
24/ आटे दाल की फिक्र होना-जीविका की चिन्ता करना
25/ आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना
26/ आसमान से गिरकर खजूर पर अटकना-एक मुसीबत से हटकर दूसरी मुसीबत में पड़ना
27/ इधर की उधर करना-चुगली करके भड़काना
28/ उँगली पकड़कर पहुंचा पकड़ना-थोड़ा प्राप्त हो जाने पर अधिक पर अधिकार जमाना
29/ उड़ती चिड़िया के पंख गिनना-कार्य-व्यापार को देखकर व्यक्तित्व को जान लेना
30/ उड़न छू होना-गायब हो जाना
31/ उखाड़ पछाड़ करना-त्रुटियाँ दिखाकर कटूक्तियाँ करना
32/ उन्नीस बीस का अंतर होना-थोड़ा बहुत अंतर होना
33/ पानी पीकर घर पूछना - काम करने के बाद जाँच पड़ता 34/ करना आस्तीन का साँप - कपटी मित्र
35/ लंगोटी में फाग खेलना  -  दरिद्रता में आनन्द मनाना
36/घर बसाना -  विवाह करना 
37/ आगा-पीछा करना  -  हिचकना
38/ डंका बजना    -     प्रतिष्ठित हो जाना
39/लहू का चूँट पीना   - विवशता से अपमान सहना
40/पानी-पानी होना   - चोरी पकड़े जाना
41/ चादर के बाहर पैर पसारना  -  क्षमता से अधिक व्यय करना
42/ कौड़ी को न पूछना -  निकम्मा समझना
43/ बाँसों उछलना  -  प्रसन्न होना
44/ गुस्से से देखना  -  आँख दिखाना
45/ लोहे के चने चबाना  - बहुत ही कठिन कार्य करना
46/ कलई खुलना -  रहस्य प्रकट हो जाना
47/ पत्थर की लकीर  -  अमिट या पक्की बात
48/ अक्ल पर पत्थर पड़ना -   बुद्धि भ्रष्ट होना
49/ निन्यानवे के फेर में पड़ना  -  धन जोड़ने में लगे रहना
50/ साँच को आँच नहीं - सच बोलने वाले को किसी का भय
नहीं

51/ समझ पर पत्थर पड़ना -  विवेक खो देना 
52/ आँखें बिछाना -  प्रेमपूर्वक स्वागत करना
53/ कौड़ी के मोल - अत्यन्त सस्ता
54/ तालु में जीभ न लगना -  चुप न रहना
55/ ठन-ठन गोपाल  -  कंगाल होना
56/ अंधों में काना राजा  -   अज्ञानियों में अल्प ज्ञान वाले का सम्मान होना
57/ गाल बजाना -   डींग हाँकना
58/ आटे-दाल का भाव पता लगना - यथार्थ का पता लगना
59/ रोज कुआँ खोदना रोज पानी पीना -रोज कमाकर जीवन निर्वाह करना
60/ एक अनार सौ बीमार-एक वस्तु के लिये बहुत-से व्यक्तियों द्वारा प्रयत्न करना
61/ आँधी खोपड़ी-मूर्खता
62/ कन्धे से कन्धा मिलाना-सहयोग देना
63/ कानाफूसी करना-गुपचुप बातें करना
64/ कान कतरना-बहुत चालाक होना
65/ काँटे बिछाना-बाधा डालना
66/ कान का कच्चा होना-बिना सोचे-विचारे दूसरों की बातों पर विश्वास करना
67/ कान खाना-निरन्तर बातें करके परेशान करना
68/ काला अक्षर भैंस बराबर-बिल्कुल अनपढ़
69/ कुएँ में बाँस डालना-बहुत तलाश करना
70/ कूप-मण्डूक होना-संकुचित विचार वाला होना
71/ कलम का धनी-अच्छा लेखक
72/ कच्ची गोलियाँ खेलना-अनुभव की कमी
73/ कच्चा चिट्ठा खोलना-गुप्त भेद खोलना
74/ कसाई के खूटे से बाँधना-निर्दयी व्यक्ति को सौंपना
75/ काँटों पर लोटना-ईर्ष्या से जलना, बेचैन होना
76/ खूटे के बल कूदना-सहारा पाकर अकड़ना
78/ खिचड़ी पकाना-गुप्त मंत्रणा करना
79/ खून का प्यासा होना-जानी दुश्मन होना
80/ खून सूख जाना-भयभीत होना

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81/ गिरगिट की तरह रंग बदलना-बार-बार बात बदलना
82/ गुरु घण्टाल-बहुत मक्कार
83/ गुस्सा नाक पर रहना-जल्दी नाराज होना
84/ गुदड़ी का लाल-सुविधा न मिलने पर भी तरक्की करना
85/ गीदड़ भभकी-दिखावटी नाराजगी
86/ घोड़े दौड़ाना-अत्यधिक कोशिश करना
87/ घात लगाना-ताक में रहना
88/ चैन की बंसी बजाना-सुख से रहना
89/ चाँदी का जूता मारना-रिश्वत या घूस देना
90/ गर्दन पर छुरी फेरना-अत्याचार करना
91/ गजभर की छाती होना-उत्साहित होना
92/ घिग्घी बँधना-स्पष्ट बोल न सकना
93/ घोड़े पर चढ़े आना-उतावली में होना
94/ घड़ी में तोला घड़ी में माशा-किसी बात का निर्णय स्थिरतापूर्वक न कर पाना
95/ घर की मुर्गी दाल बराबर-सरलतापूर्वक प्राप्त वस्तु का मूल्य नहीं होता
96/ घूरे के दिन फिरना-किसी कमजोर आदमी के भी अच्छे दिन आना
97/ घर खीर तो बाहर भी खीर-यदि घर में इज्जत है तो बाहर भी होती है
98/ चादर से बाहर पाँव पसारना-आमदनी से अधिक खर्च करना
99/ जैसा देश वैसा भेश-किसी स्थान का पहनावा, उस क्षेत्र विशेष के अनुरूप होना
100/ जी का जंजाल होना-अच्छा न लगना

101/ जोंक होकर लिपटना-बुरी तरह पीछे पड़ना
102/ चुटिया हाथ में होना-संचालन-सूत्र हाथ में होना पूर्णतः नियन्त्रण में होना
103/ चाँद खुजलाना-पिटने की इच्छा होना
104/ चचा बनाकर छोड़ना-खूब मरम्मत करना
105/ चींटी के पर निकलना-मरने के दिन निकट आना
106/ चोली दामन का साथ-अत्यन्त निकटता
107/ चोर की दाड़ी में तिनका-वास्तविक अपराधी का बिना पूछे बोल उठना
108/ छाँह न छूने देना-पास तक न आने देना
109/ छूमन्तर होना-गायब हो जाना
110/ छक्का-पंजा भूलना-कुछ भी याद न रहना
111/ जलती आग में घी डालना-क्रोध भड़काना
112/ जहर का चूंट पीना-कड़ी और कड़वी बात सुनकर भी चुप रहना
113/ जूतियाँ चाटना-चापलूसी करना
114/ झण्डा गडना-विजय पताका फहरना
115/ झकझोर देना-हिला देना, पूर्णतः त्रस्त कर देना
116/ झाडू फिरना/झाडू फिर जाना-ऐसा अपव्यय या नाश होना कि कुछ भी बचा न रहे
117/ झूमने लगना-आनन्द-विभोर हो जाना
118/ डोरे डालना-प्रेम में फंसाना
119/ डंक मारना-घोर कष्ट देना
120/ दो कौड़ी का आदमी-नालायक
121/ धूप में बाल सफेद होना-अनुभवहीन होना
122/ धज्जियाँ उड़ाना-दुर्गति करना
123/ धौंस जमाना-रौब दिखाना
124/ डंड पेलना-निश्चिन्ततापूर्वक जीवन-यापन करना।
125/ तीस मार खाँ बनना-अपने को शूरवीर समझना
126/ तालू से जीभ न लगना-बोलते रहना
127/ तिल का ताड़ करना-छोटी-सी बात को बड़ी बनाना
128/ थाली का बैंगन होना-पक्ष बदलते रहना
129/ थाह लेना-किसी गुप्त बात का भेद जानना
130/ दाँत पीसकर रह जाना-क्रोध रोक लेना
131/ दाल में काला होना-सदेह होना
132/ दिल बढ़ाना-साहस भरना
133/ दूध का दूध पानी का पानी-निष्पक्ष न्याय
134/ दुम दबाकर भागना-चुपचाप भागना
135/ निन्यानवे के फेर में पड़ना-धन संग्रह की चिन्ता में पड़ना